बलिया। पुलिस महानिदेशक उ०प्र०, लखनऊ द्वारा चलाए जा रहे अभियान “OPERATION CONVICTION” के अन्तर्गत पुलिस अधीक्षक बलिया ओमवीर सिंह के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल व अभियोजन शाखा के प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप धारा 323/34, 325/34, 342, 506 भा०दं०सं० के मामले में माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश एस.सी/एस.टी एक्ट/अपर सत्र न्यायाधीश बलिया द्वारा दोषी करार देते हुए एक नफर अभियुक्त को तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं रू 1000/- (एक हजार रुपये) के अर्थदंड से दंडित किया गया।
19 वर्ष पूर्व 03.06.2006 को वादी मुकदमा द्वारा थाना रसड़ा में प्रार्थना पत्र दिया गया कि अभियुक्तों द्वारा मेरे पिता जी को घर से किसी बहाने बुलाकर ले जाया गया तथा घर के कमरे में बन्द करके लोहे की पाइप और दाव से मार कर दाहिना पैर और बायें हाथ की कलाई तोड़ दिये। और जाति सूचक गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी भी दिये। इस संबंध में थाना रसड़ा में मुकदमा पंजीकृत किया गया था जिसमें विवेचना के बाद माननीय न्यायालय को आरोप पत्र प्रेषित किया गया था।
आज शुक्रवार (16.05.2025) को बलिया पुलिस के मॉनिटरिंग सेल व अभियोजन शाखा के अभियोजन अधिकारी ADGC अशोक कुमार ओझा की प्रभावी पैरवी से थाना रसड़ा में पंजीकृत मु०अ०सं०- 102/2006 धारा 323/34, 325/34, 342, ,506 भा०दं०सं० से सम्बन्धित प्रकरण में आरोपित एक अभियुक्त निखिल सिंह उर्फ अखिलेश सिंह पुत्र सुरेश सिंह निवासी सराय भारती थाना रसड़ा बलिया को माननीय न्यायालय द्वारा धारा 325 भा.द.वि. में दोषसिद्ध पाते हुए अभियुक्तों को तीन वर्ष के सश्रम कारावास व 1000/-(एक हजार रुपए मात्र) के अर्थदंड से दंडित किया गया, अर्थदंड न अदा करने पर अभियुक्त को 07 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगी ।
धारा 323 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए अभियुक्त को 06 माह के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया ।
धारा 342 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुये अभियुक्त को 06 माह के सश्रम कारावास से दंडित किया गया ।
धारा 506 भा.द.वि. में दोषसिद्ध पाते हुए अभियुक्त को 02 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया ।
जबकि विचारण के दौरान अभियुक्त संतोष उर्फ कमलेश सिंह पुत्र सुरेश सिंह निवासी निवासी सराय भारती थाना रसड़ा बलिया की मृत्य हो चुकी है ।
अभियुक्त की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगीं। जेल में बिताई गई सजा यदि कोई हो तो इसी में समायोजित की जाएगी।