बलिया। लंबी प्रतीक्षा के बाद अंततः साहित्य समीक्षा के "भाषा विकास कार्यक्रम" के तहत् भोजपुरी भाषा के प्रख्यात साहित्यकार रहे डॉ० रामसेवक 'विकल' द्वारा रचित लोकगीतों का संकलन शीघ्र आप सबके लिए उपलब्ध हो जाएगा। इस पुस्तक की परिकल्पना "साहित्य समीक्षा" की है। पुस्तक के संपादक आनन्द कुमार हैं, जो डॉ० विकल के पौत्र भी हैं।
डाॅ. विकल के पुत्र साहित्य साधक डाॅ. आदित्य कुमार 'अंशु' ने बताया कि पुस्तक का प्रकाशन लोककलाओं के लिए प्रतिबद्ध प्रकाशन "कोहबर प्रकाशन" कर रहे हैं। शीघ्र ही यह पुस्तक आप सबके बीच "नवपल्लव बुक्स" लेकर आयेंगे, जो इसके अधिकृत वितरक हैं।