मऊ। "तंबाकू का त्याग करो, अपने जीवन का उद्धार करो" नारे के साथ ही विश्व तंबाकू निषेध दिवस इस वर्ष मनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे मनाया जाता है।
प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ संजय सिंह ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शारदा नारायण हाॅस्पिटल में आयोजित जन जागरुकता कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि तंबाकू के उपयोग से जूड़े स्वास्थ्य जोखिमों तथा इसकी खपत कम करने की दिशा में जागरुकता पैदा किया जाता है। इससे संबंधित प्रभावी नीतियों की वकालत करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। भारत वर्ष में प्रतिवर्ष तंबाकू से लाखों लोगों का जीवन समाप्त होता है। तंबाकू का निषेध करने से जीवन का उद्धार होगा।
मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुजीत सिंह ने कहा कि तंबाकू के पौधे का सामान्य नाम निकोटियाना टैबैकम है। इसके द्वारा धूम्रपान, चबाने, सूंघने या निकोटिन निकालने के लिए किया जाता है। तंबाकू में मौजूद निकोटिन शराब, मार्फिन व कोकिन जैसे नशे की लत लगाती है। युवाओं में इसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है जो उनके स्वास्थ्य के लिए घातक है। इस अवसर पर डॉ राहुल कुमार ने तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामों पर विस्तार से जानकारी प्रदान किया।