बेल्थरा रोड, बलिया। बेल्थरा रोड निवासी मकबूल अंसारी (65) का लंबी बीमारी के बाद शनिवार देर रात निधन हो गया। वे बेल्थरारोड में अपने परिवार के साथ रह रहे थे और मूल रूप से पशुहारी गांव के निवासी थे।
अपने नाम के अनुरूप, मकबूल अंसारी क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। उनकी जनाजे की नमाज़ में हिंदू और मुस्लिम, दोनों समुदायों के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया, जिससे उनकी लोकप्रियता का पता चलता है। नमाज़ में कुल नौ सफ़ें (पंक्तियाँ) लगीं। जनाजे की नमाज हाफिज सेराज ने पढ़ाई।
मकबूल अंसारी अपने पीछे तीन बेटे, एक बेटी, बहुएँ और पोते-पोतियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। वे छह भाइयों में सबसे बड़े थे। रविवार को जोहर की नमाज़ के बाद उनके पैतृक गांव पशुहारी के खानदानी कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य हरेराम यादव, विरेन्द्र कुमार यादव "पिंटू सर", सूर्य कुमार गुप्त (शिशु), नूरूल होदा अंसारी, अमीरूल्लाह अंसारी, सेराज अहमद, डॉ. मोहम्मद असलम सहित सैंकड़ों लोग मौजूद रहे। सभी ने उनकी कब्र पर मिट्टी देकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।