बलिया। उत्तर प्रदेश में मोन्था तूफान लगातार 40 घंटे से अपनी तबाही जारी रखे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के 20 जिलों में पिछले 40 घंटे से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों के समक्ष भुखमरी की स्थिति ला दी है।
बारिश के पहले धान की कटी फसलें अभी खेत में ही थीं कि मोन्था तूफान के चलते हो रही बारिश ने खड़ी फसलों को भी अपने आगोश में ले लिया। खेत में अब धान की फसलों के सड़ जाने का खतरा है। धान की फसल जो कट चुकी हैं बारिश के पानी में तैर रही हैं जबकि कच्ची और पक्की फसलें तूफान के चलते गिर गई है और उनके ऊपर पानी चढ़ गया है। किसानों का कहना है कि अब उनकी लागत भी नहीं निकल पाएगी। ऐसे में अब किसान उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री की ओर टकटकी लगाए हैं कि सरकार द्वारा आपदा राहत कोष से उनकी कुछ सहायता हो जाए।
वैसे आईएमडी के अनुसार कल शनिवार तक मोन्था तूफान के कमजोर होने के बाद भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी के अनुसार कल पूर्वांचल में भारी बारिश के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
हालांकि कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जमीन में गेहूं की बुवाई के लिए बारिश से पर्याप्त नमी हो जाने से काफी सुगमता होगी जबकि पानी भर गए खेतों में गेहूं की बुवाई में विलंब भी हो सकता है।



