बेल्थरा रोड, बलिया। बलिया जिला मुख्यालय से सटे सेंट जेवियर्स धरहरा में विद्युत की चपेट में आईं दो बच्चियों का मामला अभी ठंढा भी नही पड़ा था कि शिक्षा क्षेत्र सीयर के प्राथमिक विद्यालय चक इमिलिया में शनिवार को दीपांशु एवं विवेक नामक दो बच्चों के विद्युत की चपेट में आने से जख्मी हो गए। ईश्वरीय कृपा से दोनों बच्चों की हालत फिलहाल ख़तरे से बाहर बतायी जा रही है। बेल्थरा रोड नगर के सोनाडीह मार्ग स्थित एक प्राइवेट चिकित्सालय में दोनों बच्चों को उपचार के लिए भर्ती कराया गया जिसमें गम्भीर रुप से ज़ख्मी विवेक को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। घटना की सूचना पाकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार चौबे इस मामले को संज्ञान में लेकर विवेक के साथ मऊ के एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार के लिए मौजूद हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना उस समय घटी जब मध्यान्ह भोजनावकाश के लिए छुट्टी हुई थी। भोजन के उपरान्त कक्षा चार के छात्र दीपांशु पुत्र देवेंद्र राजभर और विवेक पुत्र विजेंद्र राजभर नामक दोनों बच्चे विद्यालय परिसर में खेल रहे थे उसी समय प्रवाहित विद्युत की चपेट में आकर गम्भीर रुप से जख्मी हो गये। ग्रामीणों एवं प्रधानाध्यापिका सुमन सिंह व अन्य अध्यापकों की सहायता से दोनों बच्चों को किसी तरह तार से अलग कर नगर के सोनाडीह मार्ग स्थित एक प्राइवेट चिकित्सालय में उपचार के लिए पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर उपचार के लिए गंभीर रूप से झुलसे छात्र विवेक को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जख्मी दीपांशु की हालत संतोष जनक होने पर उसे घर जाने के लिए चिकित्सक ने छोड़ दिया। प्रधानाध्यापिका सुमन सिंह स्वयं विवेक के साथ मऊ के लिए रवाना हो गईं।
खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार चौबे ने बताया कि विद्यालय परिसर के समीप लगे विद्युत पोल पर कुछ ग्रामीणों ने अवैध रुप से अपने घरों पर विद्युत कनेक्शन के तार जोड़ रखे थे, नीचे लटके हुए तार में करंट प्रवाहित हो रहा था जिससे यह हादसा घटित हुआ।
नगर पंचायत वार्ड नंबर 9 के सभासद मोहम्मद नैय्यर ने बताया कि वर्ष 2023 से ही विद्युत विभाग को जर्जर पोल और अवैध कनेक्शन को लेकर कई बार लिखित शिकायतें दी गई थीं, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। ग्रामीणों ने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय रहते जर्जर पोल को हटा दिया गया होता तो यह दुखद घटना टाली जा सकती थी।